एंडी मर्रे ने विंबलडन में अपनी ऐतिहासिक जीत अपने कोच इवान लेंडल को समर्पित की। लेंडल ने अपने करियर में आठ ग्रैंडस्लैम खिताब जीते लेकिन वह कभी आल इंग्लैंड क्लब में परचम नहीं लहरा पाये थे।मर्रे जबसे लेंडल से जुड़े हैं तब से उन्होंने ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता और पिछले साल अमेरिकी ओपन का खिताब हासिल किया। वह अब फ्रेड पैरी के 1936 में चैंपियन बनने के ब…
एंडी मर्रे ने विंबलडन में अपनी ऐतिहासिक जीत अपने कोच इवान लेंडल को समर्पित की। लेंडल ने अपने करियर में आठ ग्रैंडस्लैम खिताब जीते लेकिन वह कभी आल इंग्लैंड क्लब में परचम नहीं लहरा पाये थे।मर्रे जबसे लेंडल से जुड़े हैं तब से उन्होंने ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता और पिछले साल अमेरिकी ओपन का खिताब हासिल किया। वह अब फ्रेड पैरी के 1936 में चैंपियन बनने के बाद विंबलडन जीतने वाले पहले ब्रिटिश खिलाड़ी बन गये हैं। मर्रे ने फाइनल में सर्बिया के नोवाक जोकोविच को 6-4, 7-5, 6-4 से हराया। मर्रे ने अपनी जीत का पहला जश्न जिन लोगों के साथ मनाया उनमें लेंडल भी शामिल थे। लेंडल विंबलडन में दो बार फाइनल तक पहुंचे थे लेकिन बोरिस बेकर और पैट कैश ने उनका सपना पूरा नहीं होने दिया था। लेंडल चार अवसरों पर विंबलडन के सेमीफाइनल में भी पहुंचे थे।मर्रे ने लेंडल के बारे में कहा, ‘उन्होंने अभी-अभी कहा कि उन्हें मुझ पर गर्व है जो मेरे लिये काफी मायने रखता है। वह सार्वजनिक तौर पर बहुत अधिक नहीं मुस्कराते लेकिन जब वह भीड़ और कैमरों से दूर होते हैं तो वह पूरी तरह से अलग तरह के व्यक्ति बन जाते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मैं उनके बारे में सोच रहा था। अच्छा यह होता कि वह विंबलडन का खिताब भी जीतते लेकिन मैं समझता हूं कि यह उनके लिये सर्वश्रेष्ठ चीज है।’