आईपीएल पर बैन को लेकर हर रोज़ उठती मांग के बीच हैरान करने वाला है इस खेल से जुड़े खिलाडियों का रव्वैय्या, देश में हाय-तौबा मची है, लेकिन कोई भी दिग्गज क्रिकेटर अपनी ज़ुबान खोलने को तैयार नहीं। बोर्ड के रूतबे के आगे हर किसी की ज़ुबान पर लगा है ताला…।क्रिकेट का खेल बदनाम हो रहा है और देश शर्मसार है, लेकिन खेल की सरे बाज़ार लुटती इस इज्जत पर भी खामो…
आईपीएल पर बैन को लेकर हर रोज़ उठती मांग के बीच हैरान करने वाला है इस खेल से जुड़े खिलाडियों का रव्वैय्या, देश में हाय-तौबा मची है, लेकिन कोई भी दिग्गज क्रिकेटर अपनी ज़ुबान खोलने को तैयार नहीं। बोर्ड के रूतबे के आगे हर किसी की ज़ुबान पर लगा है ताला…।क्रिकेट का खेल बदनाम हो रहा है और देश शर्मसार है, लेकिन खेल की सरे बाज़ार लुटती इस इज्जत पर भी खामोश हैं इसी खेल से आदमी से भगवान बने क्रिकेटर। खेल के हर पहलु पर अपनी बेबाक राय रखने वाले दिग्गजों की ज़ुबान पर लगा हुआ है ताला। न सचिन बोले हैं न तमाम विवादों में घिरी टीम के कप्तान धोनी, न कपिल, न गावस्कर, न रवि और न ही गांगुली।इस पर आप हैरान भी होंगे खफा भी और जरूर जानना चाहते होंगे इस हंगामे के बीच इन दिग्गजों की खामोशा की वजह। वजह सिर्फ एक ही है बीसीसीआई का मायाजाल। दरअसल, बोर्ड ने भर दिए हैं नोटों से धुरंधर क्रिकेटरों के मुंह। मौजूदा दौर में खेलने वाले तो बीसीसीआई के खिलाफ क्या बोलते। बोर्ड के नोटों के भार तले दबे पूर्व क्रिकेटर की जुबान भी है खामोश। टीवी पर कमेंटरी के बडे बडे कॉन्ट्रेक्ट्स के अलावा बीसीसीआई हर पूर्व खिलाड़ी को देती है लगभग 35 हज़ार रुपए की पेंशन। और हाल ही में बोर्ड ने 160 पूर्व खिलाड़ियों में बांटे एकमुश्त बेनिफिट स्कीम के तहत 100 करोड़ रुपए। सौ टेस्ट तक खेलने वाले पूर्व खिलाड़ियों को मिले 1.5 करोड़ की भारी भरकम राशि। अलावा इसके इनमें से कई है खुद विवादों के आईपीएल की क्रिकेट कमेटियों का का हिस्सा। तो ऐसे में भला कौन खोलेगा बोर्ड के खिलाफ अपना मुंह।वैसे भी इतिहास कहता है कि जिसने दुनिया के सबसे रईस बोर्ड बीसीसीआई के खिलाफ की है जुबान खोलने की हिमाकत उसने भुगता है, खामियाज़ा। ऐसे में तमाशा बने क्रिकेट के खेल का दिग्गज खिलाडि़यों के पास तमाशा देखने के अलावा नहीं है कोई दूसरा चारा।