भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने 19 सितंबर से शुरू हो रहे इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दौरान 20 हजार से ज्यादा कोविड-19 टेस्ट के लिए करीब 10 करोड़ रुपये का बजट रखा है। भारत में खिलाड़ियों की जांच का खर्च आठ फ्रैंचाइजी टीमों ने उठाया था जबकि 20 अगस्त से टीमों के यूएई पहुंचने के बाद बीसीसीआई आरटी-पीसीआर जांच करवा रहा है।
आईपीएल के एक सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर बताया, ‘हमने टेस्ट करने के लिए यूएई की कंपनी वीपीएस हेल्थकेयर के साथ करार किया है। मैं जांच की संख्या के बारे में साफ तौर पर नहीं कह सकता लेकिन इस दौरान 20,000 से ज्यादा टेस्ट होंगे। हर टेस्ट के लिए बीसीसीआई को 200 एईडी (लगभग 3,971 रुपये) खर्च करने होंगे’
उन्होंने कहा, ‘ऐसे में बीसीसीआई कोविड-19 जांच के लिए लगभग 10 करोड़ रुपये की राशि खर्च करेगा। कंपनी के लगभग 75 स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मचारी, आईपीएल टेस्ट प्रक्रिया का एक हिस्सा हैं।’
बीसीसीआई खिलाड़ियों और अधिकारियों की सुरक्षा में जरा भी कोताही नहीं बरताना चाहता है इसलिए स्वास्थ्य कर्मियों को एक अलग होटल में रखा गया है। उन्होंने कहा, ‘हम कोई भी जोखिम नहीं ले सकते थे। इस कंपनी ने एक होटल में अलग जैव-सुरक्षित माहौल (बायो-सिक्योर) बनाया है। लगभग 50 स्वास्थ्य कर्मचारी टेस्ट प्रक्रिया से जुड़े हुए हैं जबकि अन्य 25 लैब कार्य में लगे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘बीसीसीआई हालांकि इस जैव-सुरक्षित वतावरण और होटल के खर्चों का भुगतान नहीं कर रहा है, यह हेल्थकेयर कंपनी द्वारा वहन किया जाएगा।’
बीसीसीआई ने इससे पहले बताया था कि 20 से 28 अगस्त के बीच खिलाड़ियों और सहायक कर्मचारियों के कुल 1988 कोविड-19 टेस्ट किए गए। इसमें से चेन्नै सुपर किंग्स के दल से जुड़े 13 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित मिले जिसमें दो खिलाड़ी भी थे। ये सभी 14 दिनों तक आइसोलेशन पर रहेंगे। हालांकि ताजा टेस्ट में सीएसके दल के सभी सदस्य कोरोना निगेटिव मिले हैं।