वनडे सीरीज में शर्मनाक हार झेलने के बाद आलोचनाओं से घिरी भारतीय टीम सचिन तेंदुलकर की रिटायरमेंट के बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बुधवार से अपना पहला टेस्ट अभियान शुरू करने जा रही है। 

टीम के युवा और अनुभवी खिलाड़ी पिछली गलतियों से सबक लेकर अब सफलता के नए आयाम तय करने का वादा कर रहे हैं। 

ऐसे में यहां सीरीज के पहले मुकाबले में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के धुरंधरों को असल अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा। 

वनडे सीरीज में टीम इंडिया को 0-2 से मिली करारी शिकस्त के बाद विदेशी जमीन पर उसकी खेलने की क्षमताओं को लेकर ही सवाल उठने लगे हैं। 

कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में टीम को वनडे में नंबर वन पर ले जाने वाली युवा ब्रिगेड से इसलिए भी ऐसे शर्मनाक प्रदर्शन की उम्मीद नहीं की गई थी। 

घरेलू जमीन पर सफलताओं के साथ रिकॉर्डों की झड़ी लगाने वाले टीम के बेहतरीन खिलाड़ियों में शुमार विराट कोहली, शिखर धवन, रोहित शर्मा, खुद कप्तान धोनी, आलराउंडर रवींद्र जडेजा जैसे खिलाड़ी कोई कमाल नहीं कर सके। 

ऐसे में टीम पर अब दो टेस्टों की सीरीज में हर हाल में बेहतर प्रदर्शन के साथ जीत दर्ज करने का दबाव है। यदि भारत चार तेज गेंदबाज उतारता है तो वह छह विशेषज्ञ बल्लेबाजों और आलराउंडर के रूप में अश्विन को रख सकता है। 

शिखर धवन और मुरली विजय ओपनिंग की जिम्मेदारी संभालेंगे जबकि तीसरे नंबर पर चेतेश्वर पुजारा की दीवार खड़ी होगी। चौथे और पांचवें नंबर के लिए विराट और रोहित में टॉस होगा कि उनमें से कौन किस क्रम पर उतरता है। 

छठे नंबर पर कप्तान धोनी और सातवें नंबर पर अश्विन रहेंगे। इसके बाद चार तेज गेंदबाज टीम में मौजूद रहेंगे। भारत को दक्षिण अफ्रीका पर पहले ही टेस्ट में दबाव बनाना है तो उसे आक्रामक अंदाज में मेजबान टीम पर प्रहार करने होंगे। 

भारत के लिए वनडे हारने के बाद बहुत जरूरी है कि वह पहले टेस्ट के पहले दिन चाहे बल्लेबाजी में या फिर गेंदबाजी में जोरदार शुरुआत करे।

By parshv