किंग खान की टीम में ‘दरार’

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कोलकाता की टीम के साथ कुछ भी ठीक नहीं हो रहा है। हार दर हार झोल रही कोलकाता को अब झेलनी पड़ रही है अपने ही खिलाड़ियों की बगावत भी। प्लेऑफ की रेस से बाहर होने की दहलीज़ पर खड़ी पिछले साल की चैंपियन टीम में पड़ गयी है दरार।आखिरी पांच मैचो से बाहर बैठे मनोज तिवारी ने थाम लिया है टीम मैनेजमैंट के खिलाफ बगावात का झंडा। दरअसल 5 मैचों से बाहर बैठे तिवारी… किंग खान की टीम में ‘दरार’

कोलकाता की टीम के साथ कुछ भी ठीक नहीं हो रहा है। हार दर हार झोल रही कोलकाता को अब झेलनी पड़ रही है अपने ही खिलाड़ियों की बगावत भी। प्लेऑफ की रेस से बाहर होने की दहलीज़ पर खड़ी पिछले साल की चैंपियन टीम में पड़ गयी है दरार।आखिरी पांच मैचो से बाहर बैठे मनोज तिवारी ने थाम लिया है टीम मैनेजमैंट के खिलाफ बगावात का झंडा। दरअसल 5 मैचों से बाहर बैठे तिवारी पहले से नाराज़ थे और उनकी इस नाराज़गी की आग में घी डालने का काम किया टीम मैनेजमैंट के उनको टीम के साथ मुंबई के खिलाफ खेले जाने वाले मैच के लिए टीम के साथ वानखेड़े में नहीं ले जाने के फैसले ने। मैच से पहले टीम की सलेक्शन मीटिंग में भी बंगाल रणजी टीम के कप्तान तिवारी को  15 रिजर्व खिलाड़ियों में भी शामिल नहीं किया गया था और इसके पीछे वजह बताई गयी थी वानखेडे के ड्रैसिंग रूम का छोटा होना। जिसकी वजह से तिवारी को रूकना पड़ा था होटल में। मंगलवार को मुंबई इंडियंस और कोलकाता के बीच खेले गए मुकाबले से एक घंटे पहले तिवारी ने ट्विटर पर बजा दिया बगवात का बिगुल।तिवारी ने ट्विट किया, ‘मंगलवार का दिन मेरे क्रिकेट करीयर का सबसे खराब दिन रहा। मैं इस दिन को कभी नहीं भूल सकूंगा।’ लेकिन लगभग ढाइ घंटे बाद तिवारी ने एक और ट्वीट किया जिसमें उन्‍होंने लिखा, ‘दोस्तो मैरा ट्वीटर अकाउंट हैक कर लिया गया था और मैरे क्रिकेट करीयर को लेकर गलत ट्वीट भी किया है। मैं एक बिलकुल ठीक हूं।’हालांकि तीन घंटे में तिवारी तेवर भले ही बदल गए लेकिन सूत्रों की माने तो तिवारी अपनी टीम के कप्तान गंभीर और कोच से काफी नाराज़ है।तिवारी ने टीम के को-ऑनर जय मेहता से अपने साथ हो रहे बर्ताव और टीम इंडिया के तेज गेंदबाज़ शमी अहमद को अब तक बाहर बिठाए जाने को लेकर जय मेहता की क्रिकेट की समझ पर सवाल उठा दिए। वैसे आईपीएल के इस सीज़न में तिवारी ने खेले है 7 मैच जिसमें महज़ 17.83 की औसत से 107 रन ही तिवारी के बल्ले से निकले है। जाहिर है ऐसे प्रदर्शन के दम पर तिवारी की टीम में जगह नहीं बनती लेकिन मनोज के इन बागी तेवरों नें केकेआर को हार के बाद मुसीबत में जरूर डाल दिया है।