भारतीय पहलवानों सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त ने कुश्ती को ओलंपिक खेलों से निकालने के विरोध में अपने ‘ओलंपिक पदक’ वापस लौटाने की पेशकश की है।सुशील और योगेश्वर ने कुश्ती को 2020 ओलंपिक में शामिल करने के लिए एक आंदोलन की शुरुआत की है। इसके तहत ये दोनों पहलवान लोगों के बीच जाकर एक हस्ताक्षर अभियान चलाएंगे। ये दोनों लोगों से गुजारिश करेंगे कि वे क…
भारतीय पहलवानों सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त ने कुश्ती को ओलंपिक खेलों से निकालने के विरोध में अपने ‘ओलंपिक पदक’ वापस लौटाने की पेशकश की है।सुशील और योगेश्वर ने कुश्ती को 2020 ओलंपिक में शामिल करने के लिए एक आंदोलन की शुरुआत की है। इसके तहत ये दोनों पहलवान लोगों के बीच जाकर एक हस्ताक्षर अभियान चलाएंगे। ये दोनों लोगों से गुजारिश करेंगे कि वे कुश्ती को ओलंपिक में शामिल करने के लिए सरकार और ओलंपिक कमेटी पर दबाव बनाने के लिए कहेंगे।इन पहलवानों का हस्ताक्षर अभियान पंजाब और हरियाण से शुरू होगा, इसके बाद दूसरे राज्यों में भी इसे शुरू किया जाएगा।सुशील से जब पूछा गया कि वह कुश्ती को ओलंपिक में शामिल करने के लिए किस हद तक प्रयास करेंगे। इस पर उनका जवाब था, ‘मैं अपने ओलंपिक पदक आईओसी को लौटाने के लिए तैयार हूं। मुझे अपने ओलंपिक पदक बहुत प्रिय हैं, इन्हें मैं जान से भी ज्यादा चाहता हूं। लेकिन अगर मुझसे कहा जाए कि आप अपने पदक दे दीजिए और ओलंपिक का 2020 कुश्ती में शामिल कर लिया जाएगा, तो मुझे इन्हें देने का कोई गम नहीं होगा। ‘उधर योगेश्वर ने भी कहा कि अगर हमारे पदक लौटाने से ओलंपिक में कुश्ती को फिर से शामिल किया जा सकता है तो हम पदक लौटाने के लिए हंसते-हंसते तैयार हो जाएंगे।गौरतलब है कि कुश्ती को 2020 ओलंपिक में शामिल करने के लिए आईओसी पर चौतरफा दबाव पड़ रहा है। खिलाड़ी ही नहीं आम जनता से लेकर राजनेता तक कुश्ती को ओलंपिक में शामिल करने की गुजारिश कर रहे हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने भारतीय खेल मंत्रालय को एक पत्र लिखकर कुश्ती को ओलंपिक में शामिल कराए जाने की गुजारिश की है।