
बीसीसीआई ने निचली अदालत के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। जिला अदालत ने बीसीसीआई के एसजीएम के आयोजन पर पाबंदी लगा दी थी।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने आईपीएल के पूर्व कमिशनर ललित मोदी के खिलाफ वित्तीय गड़बड़ियों की रिपोर्ट पर विचार-विमर्श के लिए स्पेशल जनरल मीटिंग (एसजीएम) बुलाने का निर्णय लिया था।
जस्टिस वी के शाली ने बीसीसीआई की याचिका पर सुनवाई के लिए मंगलवार की तारीख दी है। याचिका में कहा गया है कि जिला अदालत को ऐसा आदेश देने का अधिकार नहीं है क्योंकि एसजीएम का आयोजन चेन्नई में 25 सितंबर को किया जाना है।
हाई कोर्ट याचिका पर सुनवाई के दौरान ललित मोदी की ओर से निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर भी सुनवाई करेगा।
मोदी ने बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन द्वारा संजय पटेल और जगमोहन डालमिया की नियुक्ति को चुनौती देते हुए रोक लगाने की मांग की थी। जिला अदालत ने मोदी की इस मांग को खारिज कर दिया था।
श्रीनिवासन के स्वनिर्वासित होने के बाद डालमिया को बोर्ड का मुखिया बनाया गया था। जबकि संजय पटेल को बीसीसीआई सचिव बना दिया गया। जिला अदालत ने 21 सितंबर को ललित मोदी की याचिका पर सुनवाई के बाद एक तरफा आदेश देते हुए बीसीसीआई द्वारा एजीएम के आयोजन पर रोक लगा दी थी।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा बिहार एसोसिएशन
क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार ने एन श्रीनिवासन को बोर्ड के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने से रोकने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया है।
एसोसिएशन ने श्रीनिवासन को किसी भी कमेटी में शामिल करने से बीसीसीआई को रोकने के निर्देश देने की भी मांग की है। एसोसिएशन इस मामले की त्वरित सुनवाई का आग्रह मंगलवार को न्यायालय से कर सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच के लिए गठित समिति को गैरकानूनी घोषित करने संबंधी बांबे हाई कोर्ट के फैसले को लेकर बीसीसीआई और क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार की याचिकाओं की सुनवाई अक्टूबर में करने का फैसला किया था।