गेंद कैसे मूव करेगी हमें चिंता नहीं, किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं-विराट कोहली

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मोटेरा में पूरी तरह से स्पिन की अनुकूल पिच की उम्मीद की जा रही है, लेकिन भारतीय कप्तान विराट कोहली का मानना है कि इंग्लैंड के खिलाफ डे-नाइट टेस्ट में तेज गेंदबाजों की भी स्पिनरों की तरह अहम भूमिका होगी. चार मैचों की सीरीज में दोनों टीमें 1-1 से बराबर चल रही हैं और बुधवार से यहां होने वाले तीसरे टेस्ट से पूर्व नए सिरे से तैयार स्टेडियम की नई पिच की प्रकृति चर्चा का केंद्र बनी हुई है.

यह पूछने पर कि क्या तीसरे टेस्ट में गेंद के स्विंग होने की संभावना नहीं है, कोहली ने कहा कि उन्हें लगता है कि जब तक गेंद ठोस और चमकीली है, तब तक तेज गेंदबाजों के पास मैच में मौका रहेगा.

कोहली ने मैच से पूर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह सटीक विश्लेषण है (कि गेंद स्विंग नहीं करेगी). गुलाबी गेंद लाल गेंद से अधिक स्विंग करती है. जब 2019 में (बांग्लादेश के खिलाफ) हम पहली बार इससे खेले तो हमने यह अनुभव किया.’

कोहली ने इस आकलन को भी खारिज कर दिया कि अगर पिच से तेज गेंदबाजों को मदद मिलेगी तो इंग्लैंड का पलड़ा भारी रहेगा. उन्होंने कहा, ‘इस चीज से परेशान नहीं हूं कि इंग्लैंड टीम के मजबूत और कमजोर पक्ष क्या हैं. हमने उन्हें उनके घरेलू मैदान पर भी हराया है जहां गेंद कहीं अधिक मूव करती है, इसलिए हम इससे परेशान नहीं हैं.’

कोहली ने कहा, ‘और हां, विरोधी टीम की भी काफी कमजोरियां हैं, अगर आप इसका फायदा उठा पाओ तो. अगर यह उनके लिए तेज गेंदबाजी की अनुकूल पिच होगी तो हमारे लिए भी होगी.’

भारतीय कप्तान ने कहा, ‘और संभवत: आपको पता की है कि हमारे पास दुनिया का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी आक्रमण है इसलिए गेंद कैसे मूव करेगी इसे लेकर हम चिंतित नहीं हैं. हम किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं.’

दोनों टीमें इस मुकाबले में अनिश्चितताओं के बीच उतरेंगी. गुलाबी गेंद को तेज गेंदबाजों की मदद के लिए जाना जाता है, लेकिन यह देखना होगा कि इससे स्पिनरों को कितनी मदद मिलती है, जो घरेलू सरजमीं पर भारत का मजबूत पक्ष है.

सीनियर भारतीय बल्लेबाज रोहित शर्मा पहले ही कह चुके हैं कि यह स्पिन की अनुकूल पिच होगी. कोहली ने कहा कि सतह चाहे कैसी भी होगी गुलाबी गेंद का सामना करना लाल गेंद की तुलना में अधिक चुनौतीपूर्ण होता है.

उन्होंने कहा, ‘किसी भी तरह की पिच हो, गुलाबी गेंद से खेलना अधिक चुनौतीपूर्ण होता है. विशेषकर शाम को. हां, निश्चित तौर पर स्पिनरों की भूमिका होगी, लेकिन मुझे नहीं लगता कि तेज गेंदबाजों और नई गेंद की अनदेखी की जा सकती है. जब तक गेंद ठोस और चमकीली है, तब तक गुलाबी गेंद के कारण मैच में उनकी भूमिका होगी. जिसके बारे में हमें पता है और हम इसी के अनुसार तैयारी कर रहे हैं.’

मोटेरा में जीत कोहली को घरेलू सरजमीं पर महेंद्र सिंह धोनी को पछाड़कर भारत का सबसे सफल कप्तान बना देगी. कोहली ने चेन्नई में दूसरे टेस्ट में घरेलू सरजमीं पर कप्तान के रूप में सर्वाधिक 21 जीत के धोनी के रिकॉर्ड की बराबरी की थी.

भारत को विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में क्वालिफाई करने के लिए सीरीज 2-1 या 3-1 से जीतने की जरूरत है. टीम अगर यहां तीसरा टेस्ट जीत जाती है तो इसी स्टेडियम में होने वाले चौथे और अंतिम टेस्ट में ड्रॉ के साथ भी फाइनल में जगह बना लेगी.

कोहली ने कहा, ‘हमारी नजरें एक मैच जीतने और एक ड्रॉ कराने पर नहीं हैं. हम दोनों मैच जीतने की कोशिश करेंगे. हमारे लिए यह क्रिकेट के दो मुकाबले हैं और हमारा ध्यान सिर्फ इसी पर है. इसके बाद जो होगा वह बाद की बात है.’

स्टेडियम में 110000 दर्शकों को बैठाने की क्षमता है और लगभग 50000 दर्शकों को स्टेडियम में उपस्थित रहने की स्वीकृति होगी. कोहली ने कहा कि दर्शकों की मौजूदगी बड़ा अंतर पैदा करेगी.

उन्होंने कहा, ‘दर्शकों ने हमारा काफी समर्थन किया और हमने दूसरे टेस्ट में ऐसा देखा, आपको पता है कि इससे विरोधी टीम दबाव महसूस करती है.’

कोहली को हालांकि नहीं लगता कि स्टेडियम की संतरी सीटों से बल्लेबाजी या गेंदबाजी करते हुए खिलाड़ियों को गेंद को देखने में समस्या होगी.