टीम इंडिया ने धमाकेदार जीत हासिल की और इस जीत के हीरों बने टीम इंडिया के कैप्टन कूल महेन्द्र सिंह धोनी। धोनी के धमाके से टीम इंडिया ने किया ट्राई सीरीज़ पर कब्ज़ा।जी हां दुनिया के सबसे बड़े मैच विनर ने एक बार फिर किया है कमाल। विश्व कप 2011 फाइनल की तरह ही धोनी ने लंका के खिलाफ छक्का जड़कर दिलाई जीत। किसी सुपरहिट फिल्म की स्क्रिपट की तरह धोनी मैच क… 
टीम इंडिया ने धमाकेदार जीत हासिल की और इस जीत के हीरों बने टीम इंडिया के कैप्टन कूल महेन्द्र सिंह धोनी। धोनी के धमाके से टीम इंडिया ने किया ट्राई सीरीज़ पर कब्ज़ा।जी हां दुनिया के सबसे बड़े मैच विनर ने एक बार फिर किया है कमाल। विश्व कप 2011 फाइनल की तरह ही धोनी ने लंका के खिलाफ छक्का जड़कर दिलाई जीत। किसी सुपरहिट फिल्म की स्क्रिपट की तरह धोनी मैच को आखिरी ओवर तक ले गए और फिर जब सबकी सांसे रुक गई तब धोनी ने 2 छक्के और एक चौका जड़कर क्लाइमैक्स में जैसे फिल्म की कहानी ही बदल दी।भारी बल्ले से बने बाज़ीगर49 ओवर में टीम इंडिया का स्कोर 9 विकेट पर 187 रन था। आखिरी ओवर में टीम को जीत के लिए 15 रन चाहिए थे और तब धोनी ने बदला बैट। 2 किलो के अपने इस बल्ले से धोनी ने ऐसी आग लगाई कि पूरी लंकाई टीम जल गई। आखिरी ओवर की पहली गेंद पर कोई रन नहीं आया लेकिन अगली गेंद पर पहले धोनी ने छक्का लगाया और फिर तीसरी गेंद पर चौका और फिर आखिरकार छक्का लगाकार माही ने 2 गेंद पहले ही दिला दी जीत।धोनी ने फाइनल मुकाबले में 51 गेंदों में 45 रन की पारी खेली जिसमें 5 चौके और 2 छक्के शामिल थे। खास बात यह है कि धोनी ने अनफिट होने के बावजूद ये मैचविंनिंग पारी खेली जो धोनी के इस धमाके और खास बनाते हैं। जाहिर है माही के इस मैजिक को लंबे समय तक कोई नहीं भूलने वाला