धोनी पांच महीने बाद कहेंगे टेस्ट क्रिकेट को अलविदा!

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साल 2011 में हार के समंदर में डूबे इंडियन क्रिकेट टीम के कैप्‍टन महेंद्र सिंह धोनी ने दुनिया के सामने रखा अपना रिटायर्मेंट प्लान, कहा साल 2013 में वो कर सकते हैं कोई बड़ा फैसला। लेकिन आज भी जीत के रथ पर सवार माही हैं अपने उसी फैसले पर अडिग। हां, धोनी ने तैयार कर रखा है 5 महीने बाद अपनी रिटायर्मेंट का ब्लूप्रिंट।धोनी ने साल 2011 में कहा था, ‘2013 के… धोनी पांच महीने बाद कहेंगे टेस्ट क्रिकेट को अलविदा!

साल 2011 में हार के समंदर में डूबे इंडियन क्रिकेट टीम के कैप्‍टन महेंद्र सिंह धोनी ने दुनिया के सामने रखा अपना रिटायर्मेंट प्लान, कहा साल 2013 में वो कर सकते हैं कोई बड़ा फैसला। लेकिन आज भी जीत के रथ पर सवार माही हैं अपने उसी फैसले पर अडिग। हां, धोनी ने तैयार कर रखा है 5 महीने बाद अपनी रिटायर्मेंट का ब्लूप्रिंट।धोनी ने साल 2011 में कहा था, ‘2013 के अंत में मुझे देखना होगा कि मेरी फिटनेस कैसी है और क्या मैं 2015 तक खेल पाऊंगा या नहीं। साथ ही फॉर्म भी एक बड़ा फैक्टर है।’लगभग दो साल पहले हार के गमगीन माहौल में ऑस्ट्रेलिया में दिए अपने बयान पर आज सफलता की एक और बुलंदी पर खड़े भी कायम हैं महेन्द्र सिंह धोनी। साल 2013 में भले ही टीम इंडिया ने हर फॉर्मेट में जीत का इतिहास रचा हो, लेकिन फिर भी धोनी ने कर दिया है साफ की साल 2013 के आखिर तक वो 2 साल बाद होने वाले विश्व कप के लिए कह सकते हैं टेस्ट क्रिकेट को अलविदा। साल 2011 में इंग्लैंड दौरे में 0-4 से हारने के बाद जब टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गई तब माही ने कहा था कि वो 2015 के विश्व कप को देखते हुए कह सकते हैं एक फॉर्मेट को अलविदा। हालांकि बयान के बाद धोनी को झोलनी पड़ी जबरदस्त आलोचना। किसी ने इसे हारे हुए कप्तान का बयान कहा तो किसी ने टीम के मनोबल को तोड़ने वाला। लेकिन पिछले डेढ़ सालों में भली ही टीम इंडिया के हार के ट्रैक से जीत की पटरी पर चाहे लौट आई हो, लेकिन अच्छे समय में भी धोनी का स्टैंड कायम है और इस बार भी धोनी को लगता है कि फिटनेस की वजह से ही वो ले सकते हैं ये बड़ा फैसला।जाहिर है धोनी का ये नया बयान इंडियन क्रिकेट में धमाका करने के लिए काफी है, क्योंकि पहले ही टीम से कई सीनियर्स की विदाई हो चुकी है और सचिन का करियर भी अंतिम पड़ाव पर है। ऐसे में अगर सिर्फ 32 साल की उम्र में सबसे सफल कप्तान धोनी भी कह देते हैं। टेस्ट को अलविदा तो असली क्रिकेट में टीम इंडिया के मिशन नंबर वन को धक्का लग सकता है और सफेद जर्सी में पूरी ज़िम्मेदारी यंगिस्तान के कंधों पर आ जाएगी जो कही न कही इंडियन क्रिकेट के लिए डावाडोल स्थिति होगी।