स्टार भारतीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह को पेशेवर मुक्केबाजी करने में कोई गुरेज नहीं है, क्योंकि उन्हें लगता है कि एमेच्योर एरीना से हेडगार्ड के बाहर होने से दोनों प्रारूपों के बीच अंतर कम हो गया है। मालूम हो, ड्रग्स मामले में फंसे विजेन्दर को हाल ही में क्लीन चिट मिल चुकी है।27 वर्षीय मुक्केबाज ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संस्था द्वारा बदले गये नियमों के…
स्टार भारतीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह को पेशेवर मुक्केबाजी करने में कोई गुरेज नहीं है, क्योंकि उन्हें लगता है कि एमेच्योर एरीना से हेडगार्ड के बाहर होने से दोनों प्रारूपों के बीच अंतर कम हो गया है। मालूम हो, ड्रग्स मामले में फंसे विजेन्दर को हाल ही में क्लीन चिट मिल चुकी है।27 वर्षीय मुक्केबाज ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संस्था द्वारा बदले गये नियमों के बाद उनका मन बदल गया, वर्ना वह पहले एमेच्योर मुक्केबाजी से संतुष्ट थे।बकौल विजेन्दर, मैं इसमें हाथ आजमा सकता हूं। एमेच्योर और पेशेवर मुक्केबाजी में अब ज्यादा अंतर नहीं रह गया है, क्योंकि दोनों में अब हेडगार्ड नहीं होंगे। अगर एआईबीए पेशेवर मुक्केबाजी लीग से अगर कुछ पेशकश होती है तो मैं इसके लिये सहमति बना सकता हूं।विजेंदर ने आगे कहा, मैंने बिना हेडगार्ड के कई बार ट्रेनिंग की है। यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है लेकिन टूर्नामेंट स्तर पर कोई बदलाव एक समय के बाद ही किया जाता है।उन्होंने हाल में ड्रग विवाद में नाम क्लीयर होने के बाद ट्रेनिंग शुरू कर दी है। उसे हेरोइन लेने के आरोपों के बाद नाडा डोप टेस्ट कराना पड़ा लेकिन नतीजा उसके पक्ष में रहा। पूर्व नंबर एक मिडिलवेट मुक्केबाज ने एनआईएस पटियाला के बजाय सोनीपत के साइ सेंटर में ट्रेनिंग शुरू की है।