बीसीसीआई के शीर्ष पदाधिकारियों और प्रशासकों की समिति (सीओए) के बीच टकराव तब फिर से सामने आ गया जब भारत और श्रीलंका के बीच तीसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच के मानार्थ पास के बंटवारे को लेकर दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए। बीसीसीआई नियमावली के अनुसार अध्यक्ष 50 मानार्थ पास का अधिकारी होता है जिनमें आतिथ्य टिकट भी शामिल है। सचिव को 75 और कोषाध्यक्ष को सात पास मिलते हैं। लेकिन सीओए ने कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना और कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी को पत्र लिखकर ‘आग्रह’ किया है कि वे 24 दिसंबर को भारत बनाम श्रीलंका मैच से लेकर अंतरराष्ट्रीय मैचों के दौरान अपने मानार्थ पासों में से 25 – 25 पास हितधारकों के लिए छोड़ दें।

सभी हितधारक, जिनमें तमाम प्रायोजकों से लेकर आधिकारिक प्रसारक शामिल हैं, को मानार्थ पासों का अपना हिस्सा दे दिया गया है। बीसीसीआई का एक वर्ग हालांकि पूछ रहा है कि वे ‘अज्ञात हितधारक कौन हैं’ जिनके लिए सीओए ने पास देने के लिए कहा है। देश में क्रिकेट का संचालन कर रहे बीसीसीआई के अधिकारी नाराज हैं कि कार्यवाहक अध्यक्ष खन्ना ने मुंबई टी20 मैच के अपने 50 पास ले लिए हैं और उन्होंने उन 25 पास का अपना हिस्सा नहीं छोड़ा है जो कि उन्हें ‘अज्ञात हितधारकों’ को देने का आदेश दिया गया है। उनके मना करने के बाद अभी बीसीसीआई में तीन प्रभावशाली अधिकारियों में से एक ने उन सभी टिकटों को ‘ब्लॉक’ करने की धमकी दी है जो खन्ना के पास हैं और यहां तक कि मुंबई क्रिकेट संघ को ऐसा करने के लिए कहा है।

एमसीए ने अपनी तरफ से कहा है कि वह इतने कम समय में इन प्रीमियम टिकट को ब्लॉक या दोबारा प्रिंट नहीं कर सकता। एक सीनियर अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘‘अगर नियमों को देखा जाए तो खन्ना ने अपने हिस्से के पास लेकर गलत नहीं किया है। सीओए के पत्र में विशेष तौर पर ‘आग्रह’ शब्द का उपयोग किया गया है और कोई भी पदाधिकारी इस तरह के आग्रह को मानने से इन्कार कर सकता है। ’’ सभी हितधारकों को मानार्थ पास मिलते हैं और इसलिए बीसीसीआई अधिकारी सवाल उठा रहे हैं। अधिकारी ने कहा, ‘‘अगर हर हितधारक का हिस्सा तय है तो फिर पदाधिकारियों को उनके हिस्से के पासों का एक भाग छोडऩे के लिए क्यों कहा जा रहा है। हम सभी जानना चाहते हैं कि वे हितधारक कौन हैं। उनके नाम दर्ज नहीं है और आम सभा उनसे वाकिफ नहीं है।’’ इस संबंध में सीओए सदस्य डायना एडुल्जी को फोन और टेक्स्ट मैसेज किया गया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।