मेरा लक्ष्य स्टंप की लाइन पर गेंदबाजी करना था: भुवनेश्वर

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भारत के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ हैदराबाद टेस्ट विकेट लेने के बाद कहा कि उनका मुख्य लक्ष्य स्टंप की लाइन में गेंदबाजी करना था जिससे उन्हें दूसरे टेस्ट मैच के शुरुआती दिन आस्ट्रेलिया के शीर्ष क्रम के तीन विकेट निकालने में मदद मिली।भुवनेश्वर ने पहले दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा कि पहले घंटे के दौरान हमेशा कुछ होता है।… मेरा लक्ष्य स्टंप की लाइन पर गेंदबाजी करना था: भुवनेश्वर

भारत के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ हैदराबाद टेस्ट विकेट लेने के बाद कहा कि उनका मुख्य लक्ष्य स्टंप की लाइन में गेंदबाजी करना था जिससे उन्हें दूसरे टेस्ट मैच के शुरुआती दिन आस्ट्रेलिया के शीर्ष क्रम के तीन विकेट निकालने में मदद मिली।भुवनेश्वर ने पहले दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा कि पहले घंटे के दौरान हमेशा कुछ होता है। इसलिए उन्होंने स्टंप की लाइन में गेंदबाजी करने की कोशिश की। विकेट धीमा था और कुछ गेंदें नीचे रह रही थी और ऐसे में रणनीति कारगर साबित हुई।गौरतलब है चेन्नई में अपने पदार्पण में मैच में भुवेनश्वर विकेट नहीं ले पाए थे, लेकिन उन्होंने कहा कि उन पर इसका दबाव नहीं था। उत्तर प्रदेश के इस गेंदबाजी ने कहा कि सभी जानते हैं कि भारतीय परिस्थितियों में स्पिनरों का दबदबा रहता है इसलिए यदि तेज गेंदबाज दो विकेट ले सकते हैं तो यह अच्छा है।भुवनेश्वर से जब पूछा गया कि इन तीनों में किस विकेट से उन्हें अधिक संतुष्टि मिली तो उन्होंने कहा कि तीनों विकेट लेकर उन्हें संतोष मिला। मालूम हो, भुवनेश्वर ने आस्ट्रेलियाई ओपनर बल्लेबाजा डेविड वार्नर, कोवान और वाटसन को आउट किया, जो आस्ट्रेलिया के लिए रन बना रहे थे।बकौल भुवनेश्वर, मुझे खुशी है कि उन्हें आउट करने में सफल रहा। भारत के लिए टेस्ट मैच खेलना हमेशा सपना रहा है और जब मुझे पहला विकेट मिला तो मैं बहुत खुश था। यह इससे बेहतर नहीं हो सकता था।भुवनेश्वर ने कहा कि उनका दूसरे तेज गेंदबाज इशांत शर्मा का विशाखा छोर से अधिकतर गेंदबाजी करने कोई खास कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि इसका कोई खास कारण नहीं है। एक छोर से स्पिनर गेंदबाजी कर रहे थे और इसलिए हमें दूसरे छोर से गेंदबाजी दी गयी। उनके सीनियर साथी इशांत को विकेट नहीं मिला लेकिन भुवनेश्वर ने सलाह देने के लिए उनका आभार व्यक्त किया।भुवनेश्वर ने कहा कि वह मेरे सीनियर हैं और मैं उनसे काफी कुछ सीखता हूं। यह केवल खेल का हिस्सा है कि एक को विकेट मिलते हैं तो दूसरा नहीं ले पाता है। आपने देखा होगा कि विकेट से मध्यम गति के गेंदबाजों को अधिक सहयोग नहीं मिल रहा था। उन्होंने (इशांत) अच्छी गेंदबाजी की।भुवनेश्वर ने आगे कहा कि आस्ट्रेलियाई टीम के नौ विकेट पर 237 रन पर पारी समाप्त घोषित करने के फैसले से भारतीय टीम हैरान नहीं थी।  उन्होंने कहा, हम हैरान नहीं थे। उन्हें लग गया था कि उनकी आखिरी जोड़ी ज्यादा रन नहीं बना पाएगी और वह बाकी बचे तीन ओवरों में हमारा कम से कम एक विकेट चाहते थे।