भारतीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने कहा कि उनका ड्रग डीलरों कोई लेना-देना नहीं है। पंजाब पुलिस द्वारा पकड़े गए एक ड्रग डीलर से ताल्लुकात के आरोपों से घिरे विजेन्द्र स्तब्ध है। विजेन्द्र ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि उनके खिलाफ लगे बेबुनियाद आरोप गलत साबित हो जाएंगे। बीजिंग ओलंपिक 2008 में भारत को मुक्केबाजी का पहला पदक ( कांस्य ) दिलाने वाले दुनिया क…
भारतीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने कहा कि उनका ड्रग डीलरों कोई लेना-देना नहीं है। पंजाब पुलिस द्वारा पकड़े गए एक ड्रग डीलर से ताल्लुकात के आरोपों से घिरे विजेन्द्र स्तब्ध है। विजेन्द्र ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि उनके खिलाफ लगे बेबुनियाद आरोप गलत साबित हो जाएंगे। बीजिंग ओलंपिक 2008 में भारत को मुक्केबाजी का पहला पदक ( कांस्य ) दिलाने वाले दुनिया के पूर्व नंबर एक मुक्केबाज विजेंदर ने कहा कि वह इस मामले में अपना नाम सुनकर स्तब्ध रह गए। मालूम हो, उनकी पत्नी की कार जिराकपुर में एक फ्लैट के बाहर मिली जहां से 130 करोड़ रूपए कीमत की 26 किलो हेरोइन बरामद हुई है।बकौल विजेंदर, मैं स्तब्ध हूं। मैं अभी काम के सिलसिले में मुंबई में हूं। मेरे दोस्तों ने मेरी पत्नी की कार से मुझे हवाई अड्डे छोड़ा। मुझे समझ में नहीं आ रहा कि वह कार जिराकपुर में कैसे पहुंची।एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता ने कहा , मुझे छोड़ने के बाद मेरे दोस्तों ने कार का इस्तेमाल किया होगा लेकिन मेरी समझ में नहीं आ रहा कि इस मामले में मेरा नाम कैसे जोड़ा जा रहा है। पुलिस पहले ही कह चुकी है कि कार में से कुछ नहीं मिला और पुलिस ने मुझसे संपर्क भी नहीं किया ।यह हेरोइन चंडीगढ के बाहरी इलाके में स्थित जिराकपुर में एक एनआरआई के मकान से बरामद की गई है । रिपोर्ट के मुताबिक फतेहपुर साहिब के एसएसपी हरदयाल सिंह मान ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में एनआरआई अनूप सिंह कहलों और उसके साथी कुलविंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया है ।कहलों ने विजेंदर और उसके करीबी दोस्त रामसिंह से संबंध होने का दावा किया है। रामसिंह भी राष्ट्रीय स्तर का मुक्केबाज है। विजेंदर ने इन आरोपों का खंडन किया है।उन्होंने कहा कि यदि वह ड्रग डीलर है तो उसके शब्दों पर विश्वास कैसे किया जाए । यदि मैं ड्रग्स का सेवन करता तो डोप टेस्ट में पकड़ा नहीं जाता क्या । अभी भी मैं जब चाहे, टेस्ट के लिये तैयार हूं।विजेंद्र ने आगे कहा , मुझे यकीन है कि शाम तक सब स्पष्ट हो जाएगा। मेरे ऐसे किसी व्यक्ति से संबंध नहीं है जिन्हें पुलिस ने नामजद किया है।इससे पहले संदिग्धों को अदालत में पेश किया गया। उन्हें चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस को उनसे 13. 86 लाख रूपए मिले।एसएसपी के अनुसार वह एनआरआई और उसका परिवार 1995 से कनाडा में रहता है। पुलिस के अनुसार वह ट्रक ड्राइवर है और बाद में यूरोपीय देशों और अमेरिका के ड्रग माफिया से वह जुड़ गया ।