दो जीत के बाद बावजूद टीम इंडिया तीसरे टेस्ट में प्लेइंग इलेवन में बदलाव करेगी और उसकी वजह है कि दो टेस्ट में ओपनिंग करने वाले सहवाग को टीम से बाहर कर दिया गया है। अब नई सलामी जोड़ी उम्मीदों के दबाव में मोहाली में उतरेगी।भारतीय टेस्ट इतिहास की सबसे सफल सलामी जोड़ी टीम से बाहर हो चुकी है। लगभग डेढ़ साल बाद बिना गंभीर और सहवाग के टीम इंडिया टेस्ट मुका… दो जीत के बाद बावजूद टीम इंडिया तीसरे टेस्ट में प्लेइंग इलेवन में बदलाव करेगी और उसकी वजह है कि दो टेस्ट में ओपनिंग करने वाले सहवाग को टीम से बाहर कर दिया गया है। अब नई सलामी जोड़ी उम्मीदों के दबाव में मोहाली में उतरेगी।भारतीय टेस्ट इतिहास की सबसे सफल सलामी जोड़ी टीम से बाहर हो चुकी है। लगभग डेढ़ साल बाद बिना गंभीर और सहवाग के टीम इंडिया टेस्ट मुकाबला खेलने उतर रही है लेकिन सहवाग और गंभीर का दौर खत्म हो गया है इस पर मुहर तभी लगेगी। जब टीम में मौजूद सलामी जोड़ी बोलेगी हल्ला। हैदराबाद में खेले गए टेस्ट में शतक जड़कर विजय ने सलामी बल्लेबाज़ के तौर पर आने वाले कुछ टेस्ट मुकाबलों में अपनी जगह पक्की कर ली है लेकिन वीरू के बाहर होने के बाद अब शिखर धवन पर भी रहेंगी सबकी नज़रें।शिखर बजाएंगे ‘मुरली’टीम इंडिया में वीरू के बाहर होने के बाद वैसे तो टीम में धवन और रहाणे के रुप में दो सलामी बल्लेबाज़ हैं लेकिन रहाणे को मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज़ के तौर पर देखा जा रहा है साथ ही विजय के साथ दांए और बांए हाथ का कॉम्बिनेशन बनाने की बात आएगी तो धवन का पलड़ा ही भारी है।इंटरनेशनल क्रिकेट में अनुभव के नाम पर विजय के पास सिर्फ 5 वनडे और एक टी-20 का अनुभव हैं लेकिन मौजूदा डोमिस्टिक सीज़न में धवन ने लगातार रन बनाए है। घरेलू क्रिकेट में शिखर ने 10 फर्स्ट क्लास मुकाबलों में 4 शतकों की मदद से 833 रन ठोंके हैं। अब देखना होगा कि 27 साल के धवन घरेलू क्रिकेट की फॉर्म को टेस्ट क्रिकेट में जारी रख पाते है या नहीं।वहीं दूसरी ओर हैदराबाद में मुरली विजय ने कमाल की शतकीय पारी खेली। पुजारा के साथ मिलकर मुरली ने रिकॉर्ड साझेदारी करके ही जीत की नींव रखी थी। विजय ने उप्पल में 167 रन की पारी खेली थी लेकिन 14 टेस्ट खेलने वाले विजय मोहाली में होंगे टीम इंडिया के सीनियर सलामी बल्लेबाज़। विजय पर इस बार बड़ी पारी खेलने की ज्यादा उम्मीद होंगी। कुल मिलाकर धवन और विजय की इस सलामी जोड़ी पर न सिर्फ उम्मीदों पर खरा उतरने का दबाव होगा बल्कि ओपनिंग में भारत की सबसे सफ़ल जोड़ी के दौर को पीछे छोड़ नया दौर शुरू करने की भी चुनौती होगी।