अनुभवी भारतीय हॉकी गोलकीपर पीआर श्रीजेश को लगता है कि स्पेन के खिलाफ एफआईएच प्रो लीग के शुरूआती दो मैच अगले साल की शुरुआत में भुवनेश्वर और राउरकेला में होने वाले विश्व कप से पहले ‘मॉक टेस्ट’ होंगे जिसमें टीम को खुद को आंकने का मौका मिलेगा। भारत अगले साल 13 से 29 जनवरी तक पुरुष विश्व कप की मेजबानी करने की तैयारी कर रहा है।
इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता से पहले भारत भुवनेश्वर के कलिंग स्टेडियम में आगामी एफआईएच प्रो लीग 2022-23 के अपने पहले मुकाबले में 30 अक्टूबर और छह नवंबर को दुनिया की आठवें नंबर की टीम स्पेन की मेजबानी करेगा। श्रीजेश ने हॉकी इंडिया की विज्ञप्ति में कहा, ‘एफआईएच हॉकी प्रो लीग हमारे लिए सबसे अच्छा मंच है क्योंकि हमें कुछ शीर्ष टीम के खिलाफ खेलने का मौका मिलता है। स्वदेश में होने वाले आगामी मुकाबले हमारे लिए मॉक टेस्ट की तरह होंगे, यह हमें वास्तविक चुनौतियों में मदद करेगा जिनका हम जनवरी 2023 में सामना करेंगे।’
उन्होंने कहा, ‘यह हमें युवा खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय हॉकी खेलने का अनुभव प्रदान करने में भी मदद करेगा। यह हमारे लिए एक शानदार अवसर है क्योंकि यह हमें विश्व कप के लिए लय बनाने में मदद करेगा।’ भारत को अगले साल होने वाले विश्व कप में मुश्किल पूल डी में रखा गया है और श्रीजेश को शुरुआती चरण में अपने विरोधियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिलने की उम्मीद है।
दुनिया की पांचवें नंबर की टीम भारत को इंग्लैंड (विश्व रैंकिंग छह), स्पेन (विश्व रैंकिंग आठ) और वेल्स के साथ रखा गया है। भारत ने इस साल के बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने के दौरान इंग्लैंड के खिलाफ 4-4 से ड्रॉ खेला और वेल्स को 4-1 से हराया। श्रीजेश ने कहा, ‘यह एक दिलचस्प पूल है। इंग्लैंड, स्पेन और वेल्स तीनों वास्तव में अच्छी टीमें हैं। हाल ही में बर्मिंघम 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में इंग्लैंड और वेल्स से खेलने के बाद मुझे लगता है कि यह एक कठिन प्रतियोगिता होगी।’
उन्होंने कहा, ‘लेकिन हमें अभी इसके बारे में सोचने की ज़रूरत नहीं है। हम कदम दर कदम आगे बढ़ रहे हैं और राष्ट्रीय शिविर में अपने खेल पर काम कर रहे हैं। हम बहुत उत्साहित हैं और खेलने के लिए उत्सुक हैं। स्वदेश में लगातार दूसरी बार विश्व कप खेलने को लेकर उत्साहित हैं।’ इस 34 वर्षीय गोलकीपर को एफआईएच के साल के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है और उन्होंने इस सम्मान के लिए अपने साथियों को श्रेय दिया।