भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार का मानना है कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज में ‘अतिरिक्त उछाल’ मिलना अच्छा बदलाव है लेकिन लाल कूकाबूरा गेंद से गेंदबाजी करना चुनौतीपूर्ण होगा। कल दो शिफ्ट में हुए शुरूआती अभ्यास सत्र के बाद भारतीय टीम ने वेस्टर्न प्रोविंस क्रिकेट क्लब में हवा और नमी भरे मौसम के कारण इंडोर अभ्यास किया। भारतीय तेज गेंदबाजों का अभी तक ध्यान कई लंबे स्पैल गेंदबाजी पर लगा हुआ है क्योंकि पांच जनवरी से न्यूलैंड्स में शुरू होने वाले पहले टेस्ट के बाद से उन्हें पूरी सीरीज में लंबे स्पैल में गेंदबाजी करनी होगी।

भुवनेश्वर ने कहा, ‘‘जब आप दक्षिण अफ्रीका का दौरा करते हो तो आपके दिमाग में सबसे पहली चीज आती है ‘उछाल भरा विकेट’। लेकिन फिर भी यह निश्चित नहीं होता कि आपको मैच में किस तरह की पिच मिलेगी।’’ जहां बल्लेबाजों को उछाल भरी पिच पर अनुकूलित होने में दिक्कत होगी तो गेंदबाजों को कूकाबूरा से गेंदबाजी करने में सामंजस्य बिठाना होगा।

भुवनेश्वर ने कहा, ‘‘जब बल्लेबाजों की बात होती है तो उछाल से निपटना काफी अहम है। लेकिन गेंदबाजों के लिये भी यह महत्वपूर्ण होता है। कूकाबूरा से गेंदबाजी करना सबसे कठिन है। 25-30 ओवर के बाद यह ज्यादा कुछ नहीं करती, इसलिये हम इस तरह के हालात के अनुसार तैयारी की कोशिश कर रहे हैं।’’