टीम इंडिया के कैप्टन कूल एम एस धोनी जब फॉर्म में होते हैं, तो उनके सामने क्या स्पिन गेंदबाज, क्या तेज गेंदबाज… अच्छी सी अच्छी गेंद की माही धज्जियां उड़ा सकते हैं. धोनी की बल्लेबाजी के कायल पूर्व कोच गैरी कर्स्टन भी हैं. कस्टर्न की माने तो जब स्पिनरों का सामना करने की बात आती है तो धोनी का कोई जवाब नहीं है.
वर्ल्ड कप 2011 जीतने वाली टीम इंडिया के कोच रहे गैरी कर्स्टन ने कोचिंग क्लीनिक में 12-13 साल के लगभग 100 स्कूली बच्चों को खेल के तकनीकी गुर सिखाए. दिल्ली डेयरडेविल्स के मौजूदा मुख्य कोच कर्स्टन ने बल्लेबाज के विभिन्न पक्षों पर अपना नजरिया रखा.
‘स्पिनरों को बैकफुट पर खेलते हैं धोनी’
कर्स्टन ने स्कूली बच्चों से कहा, ‘सावधानी से महेंद्र सिंह धोनी को देखिए. स्पिनरों को खेलते हुए वह किस तरह गेंद के पीछे आता है, छक्के जड़ने के लिए बाहर आने के अलावा वह हमेशा स्पिनरों को बैकफुट पर खेलता है. भारत में स्पिन गेंदबाजी के कई अच्छे खिलाड़ी हैं लेकिन वह शीर्ष खिलाड़ियों में से एक हैं.’
‘तकनीक पर ध्यान देना जरूरी’
उन्होंने कहा, ‘बल्लेबाजी साइड ऑन खेल है और हमेशा ऐसा ही रहेगा. विकेट के दोनों ओर गेंद को खेलने के लिए आपको साइड ऑन ही रहना होगा. अगर आप बल्लेबाजी कर रहे हो तो आपको रन बनाने होंगे. आपको तकनीक विकसित करनी होगी. शानदार कवर ड्राइव या फ्लिक करने के बाद आउट हो जाने का कोई फायदा नहीं.’
वीरू पर बोलने से बचे कस्टर्न
कर्स्टन इस दौरान दिल्ली की इस फ्रेंचाइजी में वीरेंद्र सहवाग के भविष्य के बारे में पूछे गए सवालों से बचते दिखे. यह पूछने पर कि क्या सहवाग की मौजूदा फॉर्म को देखते हुए वह टीम मालिकों को 20 लाख डॉलर से अधिक में सहवाग को रिटेन करने का सुझाव देंगे, कर्स्टन ने काफी जोर से हंसते हुए कहा, ‘मैं इस सवाल का जवाब नहीं देने वाला.’ कर्स्टन ने साथ ही बच्चों से कहा कि खेल में सफलता की कोई गारंटी नहीं होती.