क्रिकेट के दीवानों के लिए आईपीएल से बड़ा जश्न कोई नहीं, दुनिया भर से क्रिकेट के नामचीन सितारे यहां आते हैं और दर्शकों का मनोरंजन करते हैं लेकिन क्रिकेट की मस्ती और मैजिक से अलग भी एक दुनिया है वो दुनिया है महाराष्ट्र की जहां भयानक सूखा पड़ा है। सवाल है हमारे लिए क्या ज्यादा मायने रखता है आईपीएल का रोमांच या सूखे का सितम झेल रहे लोगों का दर्द।आईपीएल… 
क्रिकेट के दीवानों के लिए आईपीएल से बड़ा जश्न कोई नहीं, दुनिया भर से क्रिकेट के नामचीन सितारे यहां आते हैं और दर्शकों का मनोरंजन करते हैं लेकिन क्रिकेट की मस्ती और मैजिक से अलग भी एक दुनिया है वो दुनिया है महाराष्ट्र की जहां भयानक सूखा पड़ा है। सवाल है हमारे लिए क्या ज्यादा मायने रखता है आईपीएल का रोमांच या सूखे का सितम झेल रहे लोगों का दर्द।आईपीएल सिक्स के लिए क्रिकेट के मुरीदों में इस कदर दीवानगी है कि दिल्ली डेयरडेविल्स और केकेआर के बीच होने वाले पहले मुकाबले की 80 फीसदी से ज्यादा टिकटें पहले ही बिक चुकी हैं। यहां दांव पर है 25 करोड़ की इनामी राशि लेकिन क्रिकेट की ये जंग ऐसे वक्त शुरू हुई है जबकि महाराष्ट्र के 12 हजार और गुजरात के 4 हजार गांवों की दो करोड़ आबादी सूखे का सितम झेल रही है।एक और क्रिकेट का खेल अफसाना है जो रगों में रोमांच भर देता है, तो दूसरी ओर है मुट्ठी भर निवाले और बूंद भर पानी को तरसते आम लोगों की रोंगटे खड़े करने वाली हकीकत। एक ओर मैदान में 22 खिलाड़ी हैं दूसरी ओर प्यासी माटी पर बसे 2 करोड़ लोग। एक ओर वानखेड़े का वीआईपी मैदान है जिसे मैचों के आयोजन के लिए 21 लाख लीटर पानी मिल रहा है तो दूसरी ओर आम लोग हैं जिन्हें रोजाना 40 लीटर पानी हासिल करने के लिए भी जंग लड़नी पड़ती है। महाराष्ट्र में आईपीएल के 16 मैचों पर 64लाख लीटर पानी खर्च होगा ये पानी 2 लाख लोगों की प्यास बुझा सकता है।
















































