इंडियन प्रीमियर लीग के सातवें सीजन के फाइनल मुकाबले में भारतीय खिलाड़ियों का बोलबाला रहा. कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच हुए फाइनल मैच में दोनों टीमों में 4-4 विदेशी खिलाड़ी थे लेकिन इनमें से किसी ने भी बहुत उम्दा खेल नहीं दिखाया जबकि भारतीय खिलाड़ियों ने गेंद और बल्ले दोनों से शानदार प्रदर्शन करें. भले ही पूरे सीजन में विदेशी खिलाड़ियों ने अपने तेवर दिखाए हों लेकिन फाइनल में न उनका बल्ला चला न गेंद.
किंग्स इलेवन पंजाबः
प्रीति जिंटा की टीम में 3 भारतीय खिलाड़ियों ने केकेआर के खिलाड़ियों की नाक में दम किया. मनन वोहरा, रिद्धिमान साहा ने बल्ले से मोर्चा संभाला तो करनवीर सिंह 4 विकेट झटककर केकेआर को बड़े झटके दिए.
रिद्धिमान साहाः इस लिस्ट में सबसे पहले नाम आता है विकेटकीपर बल्लेबाज साहा का. टीम का स्कोर 30 रन तक ही पहुंचा था और वीरेंद्र सहवाग-जॉर्ज बेली पवेलियन लौट चुके थे. बल्लेबाजी के लिए उतरे साहा ने पहले तो वोहरा के साथ मिलकर पारी को संभाला और उसके बाद आतिशी तेवर दिखाते हुए टीम को मजबूत स्कोर तक पहुंचा दिया. साहा ने 55 गेंदों पर 10 चौके और 8 छक्कों की मदद से 115 रन बनाए.
मनन वोहराः सलामी बल्लेबाज मनन वोहरा ने वीरेंद्र सहवाग के साथ पारी का आगाज किया. लेकिन सहवाग और कप्तान जॉर्ज बेली सस्ते में निपट गए. मुश्किलों में घिरे किंग्स इलेवन पंजाब को वोहरा और साहा ने संभाला. वोहरा ने 52 गेंदों पर 6 चौके और 2 छक्कों की मदद से 67 रनों की बढ़िया पारी खेली.
करनजीत सिंहः गेंदबाजी में करनजीत सिंह भले ही महंगे साबित हुए लेकिन उन्होंने केकेआर के 4 अहम विकेट झटके. करनजीत ने गौतम गंभीर, मनीष पांडे, यूसुफ पठान और रेयान टेन डेशकॉटे को आउट किया. हालांकि उन्होंने 4 ओवर में 54 रन खर्च डाले.
कोलकाता नाइट राइडर्सः
शाहरुख खान की विनिंग टीम की बात करें तो गेंदबाजी में पीयूष चावला ने कुछ बेहतर प्रदर्शन किया जबकि बल्लेबाजी में मनीष पांडे और यूसुफ पठान ने जीत की नींव रखी. इनके अलावा गौतम गंभीर ने उपयोगी पारी खेली तो पीयूष चावला ने बल्ले से भी मोर्चा संभालते हुए टीम को जीत तक पहुंचाया.
पीयूष चावलाः केकेआर का कोई भी गेंदबाज वोहरा और साहा को रोकने में सफल नहीं हो पाया. चावला ने गेंदबाजी के दौरान वोहरा और ग्लेन मैक्सवेल के अहम विकेट झटके तो आखिरी ओवरों में 5 गेंदों पर 1 चौका 1 छक्का जड़कर टीम को जीत दिलाई. चावला ने चौका जड़कर केकेआर को दूसरी बार आईपीएल का खिताब जिताया.
मनीष पांडेः इस बल्लेबाज ने केकेआर की जीत की नींव रखी. पांडे ने 50 गेंदों पर 7 चौके और 6 छक्कों की मदद से 94 रनों की पारी खेली. हालांकि वो दुर्भाग्यशाली रहे और सेंचुरी से महज 6 रनों से चूक गए.
यूसुफ पठानः केकेआर को फाइनल तक पहुंचाने वाले यूसुफ ने इस मैच में हालांकि बहुत बड़ी पारी नहीं खेली लेकिन 36 रनों का योगदान देकर ही टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई. यूसुफ ने 22 गेंदों का सामना किया और इस दौरान 4 छक्के जड़े.
फेल हुए विदेशी खिलाड़ी–
पंजाब में जॉर्ज बेली, ग्लेन मैक्सवेल, डेविड मिलर, मिशेल जॉनसन जैसे दिग्गज विदेशी खिलाड़ी थे. लेकिन इनमें से कोई भी फाइनल मैच में नहीं चला. जॉनसन ने हालांकि 2 विकेट झटके थे. बेली और मैक्सवेल से बहुत उम्मीदे थीं लेकिन वो दोनों ही बल्ले से नाकाम रहे. बेली ने 1 रन बनाया को मैक्सवेल बिना खाता खोले ही पवेलियन लौट गए. कोलकाता में साकिब अल हसन, रेयान टेन डेशकॉटे, सुनील नरेन और मॉर्न मोर्केल जैसे विदेशी खिलाड़ी थे. सुनील नरेन से काफी उम्मीदें थी लेकिन उनके खाते में महज एक विकेट आया जबकि मोर्केल तो एक भी बल्लेबाज को पवेलियन नहीं भेज सके.