अमेरिकी कंपनी याहू ने एक नई तकनीक ईजाद की है जिसके तहत विज्ञापन की दरें दर्शकों की सामाजिक हैसियत पर आधारित होंगी। याहू ने इस तकनीक के पेटेंट के लिए अर्ज़ी भी दे दी है।नई तकनीक के अनुसार लोगों की सामाजिक हैसियत इस आधार पर तय की जाएगी कि सोशल नेटवर्किग साइट्स पर उनके कितने फ़ॉलोअर हैं और दूसरों के पोस्ट्स पर कितनी बार उनका ज़िक्र होता है।
एक मार्केटिंग विशेषज्ञ के अनुसार याहू की ये नई तकनीक विज्ञापन के बाज़ार में काफ़ी लोकप्रिय हो सकती है। याहू ने ‘सोशल रेप्यूटेशन ऐड्स’ के नाम से दिसंबर 2011 में अमेरिकी पेटेंट ऑफ़िस में अर्ज़ी दी थी लेकिन इस नई तकनीक को हाल ही में सार्वजनिक किया गया है।
याहू के अनुसार फ़िलहाल मार्केटिंग के लोग ये तय करते हैं कि किसी साइट पर किस जगह विज्ञापन देने पर कुछ विशेष लोगों का ध्यान आकर्षित होता है लेकिन इस नई तकनीक के अनुसार ये भी तय किया जा सकेगा कि उस साइट का इस्तेमाल करने वालों का समाज के दूसरों लोगों पर कितना प्रभाव है।