अमरीका की भारत सख्त चेतावनी- सोच समझकर करे रूस से हथियारों की डील

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भारत और रूस के बीच S-400 की 40,000 करोड़ की डील पर अमरीका का दोहरा रवैया सामने आया है। एक तरफ अमरीका कहा कि वो भारत व अन्य देशों के रूस से हथियार खरीदने को लेकर लगाए गए प्रतिबंधों को थोड़ा लचीला करने पर विचार कर रहा है लेकिन दूसरी तरफ उसने भारत को कड़े शब्दों में चेतावनी भी दे डाली है कि वह सोच समझ कर रूस से हथियारो की डील करे। दरअसल भारत ने हाल ही में अमरीका द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के प्रभाव को कम करने के लिए रूस के साथ ‘ट्रिम्फ एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम’ S-400 की खरीद की डील पर बात की है।

अमरीकी कांग्रेस के सदस्य व ‘हाउस आर्म्ड सर्विसेज़ कमेटी’ के चेयरमैन मैक थॉर्नबेरी ने कहा कि कांग्रेस और प्रशासन दोनों को इस बात की चिंता है कि ये डील हमारी ‘इंटर-ऑपरेबिलिटी’ की क्षमता को और जटिल बना सकती है। कांग्रेस के सद्स्य ने कहा कि वे महसूस करते हैं कि ‘काउंटरिंग अमेरकाज़ एडवरसरीज़ थ्रू सैंक्शन एक्ट’ (CATSA) बहुत ज्यादा लचीला नहीं है इसीलिए पिछले हफ्ते हाउस में ‘नैशनल डिफेंस ऑथराइज़ेशन बिल, 2019’ पास किया गया है जो पहले कानून से ज़्यादा लचीला है।

उल्लेखनीय है कि CATSA कानून अमरीका को इस बात का अधिकार देता है कि अगर कोई देश या संस्था रूस, ईरान या उत्तर कोरिया के साथ रक्षा या इंटेलीजैंस सैक्टर में कोई भी लेन-देन या खरीद करता है तो अमरीका उसे दंडित कर सकता है। यह कानून भारत को खासतौर पर प्रभावित करता है क्योंकि भारत अपनी रक्षा खरीद के लिए काफी हद तक रूस पर निर्भर है।लेकिन भारत और रूस के बीच ये डील अमरीका से होने वाले ‘प्रिडेटर ड्रोन’ की खरीद को लेकर रुकावट बन सकती है। ‘प्रिडेटर ड्रोन’ का प्रयोग नियंत्रण रेखा पर आतंकियों के लांच पैड पर हमले के लिए किया जा सकता है।

थॉर्नबेरी ने कहा कि सिर्फ भारत की बात नहीं है, CATSA से दूसरे देश भी प्रभावित हो रहे हैं।इसलिए नया लाया गया बिल इस बात को प्रावधान करता है कि अगर कोई देश रूसी उपकरणों पर अपनी निर्भरता को कम करना चाहता है तो यूएस डिफेंस सेक्रेटरी अपने विवेकाधिकार का प्रयोग करके उन देशों को कुछ राहत दे सकते हैं।