तेनालीराम की धर्मपत्नी को गुलाब बहुत पसंद थे| वह अपने पुत्र को भेजकर राजा के बगीचे से एक गुलाब का फूल मंगवाया करती थी| इस बात का पता तेनालीराम को नहीं था|
दरबार में तेनालीराम से ईर्ष्या करने वालों की कमी नहीं थी| उन्हें किसी प्रकार इस बात का पता चल गया था कि तेनालीराम की पत्नी चोरी-छुपे गुलाब का एक फूल प्रतिदिन अपने पुत्र से मंगवाती है, लेकिन तेनालीराम के विरुद्ध राजा से शिकायत करने की उनमें हिम्मत नहीं थी|
उन्होंने सोचा कि तेनालीराम के पुत्र को एक दिन रंगे हाथों पकड़ना ठीक रहेगा| एक दिन उन लोगों को अपने जासूसों द्वारा पता चला कि तेनालीराम का बेटा बाग में फूल तोड़ने आया है|
बस, फिर क्या था? वे सब लोग बगीचे के द्वार पर खड़े हो गए तथा बगीचे को चारों तरफ से घेर लिया, जिससे वह भाग न सके| साथ ही उन्होंने तेलानीराम को भी अपने साथ ले लिया| उन्होंने तेनालीराम को बताया कि आपका बेटा फूल के साथ आज पकड़ा जाएगा| उसे पकड़कर राजा के सामने पेश करेंगे|