मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने सड़क निर्माण एजेंसियों में समन्वय के लिए नीति बनाने के निर्देश दिए हैं। श्री नाथ ने आज मंत्रालय में लोक निर्माण विभाग और मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए कहा कि सड़क निर्माण में कार्यरत विभिन्न एजेंसियाँ भ्रम दूर करते हुए एक ऐसी नीति तैयार करें, जिससे हर एजेंसी को अपना कार्य-क्षेत्र और दायित्व पता हो। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कई सड़कों का निर्माण अथवा मेंटेनेंस इसलिए नहीं हो पाता क्योंकि एक विभाग दूसरे विभाग को जिम्मेदार ठहराता है। उन्होंने कहा कि इस समस्या का समाधान करते हुए समग्र नीति बनाई जाए ताकि आवागमन के प्रमुख साधन सड़कों का निर्माण और संधारण निर्बाध हो।
मुख्यमंत्री श्री नाथ ने कहा कि सड़कों के निर्माण के साथ पर्यावरण सुधार के लिए व्यापक पैमाने पर वृक्षारोपण भी होना चाहिए। उन्होंने सड़क निर्माण के प्रोजेक्ट में ही वृक्षारोपण का प्रावधान शामिल करने को कहा। श्री नाथ ने कहा कि सड़कों के दोनों ओर पौधारोपण हो, यह सुनिश्चित होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने सड़कों के संधारण (मेंटेनेंस) पर भी विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि सड़क निर्माण के दौरान होने वाले अनुबंध में संधारण शर्तों का सख्ती से पालन हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर विभाग को अपने स्वयं के आय के स्त्रोत भी विकसित करना चाहिए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कहा कि सड़क निर्माण के साथ अपने रिसोर्स भी बने, ऐसा प्रोजेक्ट विभाग की ओर से तैयार हो। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि शहरों के आसपास बड़े पैमाने पर रिंग रोड और बायपास सड़कें बनाई जायें। मास्टर प्लान में इसे शामिल करें ताकि शहरों का विस्तार हो और आवागमन सुगम हो।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने बड़ी सड़कों के निर्माण के दौरान भूमि अधिग्रहण में विलंब होने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे प्रोजेक्ट अनावश्यक लंबित रहते हैं और समय रहते इसका लाभ आम जनता को नहीं मिल पाता। श्री नाथ ने भूमि अधिग्रहण के मामले में एक अलग प्रभारी अधिकारी नियुक्त करने को कहा, जो सिर्फ अधिग्रहण के मुद्दों को शीघ्रता के साथ निराकरण करवाएगा। मुख्यमंत्री ने ही भूमि अधिग्रहण के लिए अलग से एक आई.एफ.एस. अधिकारी को नियुक्त करने के निर्देश दिए, जो सिर्फ वन भूमि से संबंधित मामलों का निराकरण करेगा। उन्होंने कहा कि इससे हम अपने प्रोजेक्ट समय-सीमा में पूरे कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने सड़क निर्माण और भवन निर्माण में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने निर्माण सामग्री की क्वालिटी पर निरंतर निगरानी रखने के निर्देश भी दिए।
बैठक में लोक निर्माण मंत्री श्री सज्जन सिंह वर्मा, मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती, अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण श्री मलय श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री अनुराग जैन एवं संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने सड़क निर्माण एजेंसियों में समन्वय के लिए नीति बनाने के निर्देश दिए हैं। श्री नाथ ने आज मंत्रालय में लोक निर्माण विभाग और मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए कहा कि सड़क निर्माण में कार्यरत विभिन्न एजेंसियाँ भ्रम दूर करते हुए एक ऐसी नीति तैयार करें, जिससे हर एजेंसी को अपना कार्य-क्षेत्र और दायित्व पता हो। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कई सड़कों का निर्माण अथवा मेंटेनेंस इसलिए नहीं हो पाता क्योंकि एक विभाग दूसरे विभाग को जिम्मेदार ठहराता है। उन्होंने कहा कि इस समस्या का समाधान करते हुए समग्र नीति बनाई जाए ताकि आवागमन के प्रमुख साधन सड़कों का निर्माण और संधारण निर्बाध हो।
मुख्यमंत्री श्री नाथ ने कहा कि सड़कों के निर्माण के साथ पर्यावरण सुधार के लिए व्यापक पैमाने पर वृक्षारोपण भी होना चाहिए। उन्होंने सड़क निर्माण के प्रोजेक्ट में ही वृक्षारोपण का प्रावधान शामिल करने को कहा। श्री नाथ ने कहा कि सड़कों के दोनों ओर पौधारोपण हो, यह सुनिश्चित होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने सड़कों के संधारण (मेंटेनेंस) पर भी विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि सड़क निर्माण के दौरान होने वाले अनुबंध में संधारण शर्तों का सख्ती से पालन हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर विभाग को अपने स्वयं के आय के स्त्रोत भी विकसित करना चाहिए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कहा कि सड़क निर्माण के साथ अपने रिसोर्स भी बने, ऐसा प्रोजेक्ट विभाग की ओर से तैयार हो। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि शहरों के आसपास बड़े पैमाने पर रिंग रोड और बायपास सड़कें बनाई जायें। मास्टर प्लान में इसे शामिल करें ताकि शहरों का विस्तार हो और आवागमन सुगम हो।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने बड़ी सड़कों के निर्माण के दौरान भूमि अधिग्रहण में विलंब होने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे प्रोजेक्ट अनावश्यक लंबित रहते हैं और समय रहते इसका लाभ आम जनता को नहीं मिल पाता। श्री नाथ ने भूमि अधिग्रहण के मामले में एक अलग प्रभारी अधिकारी नियुक्त करने को कहा, जो सिर्फ अधिग्रहण के मुद्दों को शीघ्रता के साथ निराकरण करवाएगा। मुख्यमंत्री ने ही भूमि अधिग्रहण के लिए अलग से एक आई.एफ.एस. अधिकारी को नियुक्त करने के निर्देश दिए, जो सिर्फ वन भूमि से संबंधित मामलों का निराकरण करेगा। उन्होंने कहा कि इससे हम अपने प्रोजेक्ट समय-सीमा में पूरे कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने सड़क निर्माण और भवन निर्माण में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने निर्माण सामग्री की क्वालिटी पर निरंतर निगरानी रखने के निर्देश भी दिए।
बैठक में लोक निर्माण मंत्री श्री सज्जन सिंह वर्मा, मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती, अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण श्री मलय श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री अनुराग जैन एवं संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।