बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने महात्मा गांधी को बनिया कहे जाने के मामले में माफ़ी मांगने से इंकार कर दिया है. रायपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अमित शाह को जब यह पता पड़ा कि कांग्रेस उनके इस बयान की निंदा कर रही है, तो उन्होंने इस सवाल का अपने ढंग से जवाब दिया. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी को बनिया किस सन्दर्भ में कहा गया. यह हर वो शख्स जानता है, जो कार्यक्रम में मौजूद था और उन्हें सुन रहा था.
बीजेपी अध्यक्ष के मुताबिक रणदीप सुरजेवाला को महात्मा गांधी के सिद्धांतों को लेकर बहुत कुछ जवाब जनता को देना है. दरअसल, शुक्रवार को रायपुर के मेडिकल कॉलेज में आयोजित बुद्धिजीवियों की एक सभा में अमित शाह ने महात्मा गांधी को चतुर बनिया करार दिया था. उन्होंने कहा था कि अंग्रेजों ने कांग्रेस का गठन एक क्लब के तौर पर किया था. बाद में इस क्लब में अलग-अलग विचारधारा के लोग जुड़ते चले गए. इसे आजादी के आंदोलन से भी जोड़ दिया गया. यह क्लब आजादी प्राप्त करने का एक स्पेशल परपज व्हिकल मात्र था.
उनके पास सरकार चलाने का कोई सिद्धांत भी नहीं था. इसलिए आजादी के बाद कांग्रेस का औचित्य खत्म हो गया. अमित शाह ने यह भी कहा कि महात्मा गांधी चतुर बनिया थे. इसलिए उन्होंने आजादी के तुरंत बाद कांग्रेस को खत्म करने की बात कही थी. उन्हें समझ में आ गया था कि आगे चलकर क्या होने वाला है? महात्मा गांधी तो कांग्रेस को खत्म नहीं कर पाए, लेकिन आज कुछ लोग कांग्रेस को बिखेरने में लग गए हैं. कांग्रेस के तंज पर नहीं बल्कि महात्मा गांधी को चतुर बनिया कहे जाने को लेकर बवाल मच गया है. इस बयान पर व्यापक प्रतिक्रिया हुई है.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुर्जेवाला ने अमित शाह से माफ़ी मांगने की मांग की, तो छत्तीसगढ़ में गांधी फाउंडेशन से जुड़े कार्यकर्ताओ ने इसे बेतुका बयान बताया. गांधी फाउंडेशन के शशिकांत साहू ने बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष को अपने बयानों में शालीनता बरतनी चाहिए. वहीं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी ने भी अमित शाह के बयान की तीखी निन्दा की. बहरहाल तमाम प्रतिक्रियों के बावजूद अमित शाह अपने बयान पर कायम है और उन्होंने किसी भी तरह के माफीनामे से इंकार कर दिया.