बीजिंग : दूसरों को अपने कर्ज के जाल में फंसाने वाला चीन इस वक्त खुद कई तरह के संकटों में घिरा हुआ है। चीन इस वक्त भयानक गर्मी का सामना कर रहा है जिसकी वजह से इसके कुछ हिस्सों में नदियां सूख गई हैं। बिजली संकट ने लोगों की मुश्किलों को और बढ़ा दिया है जिससे मुख्य रूप से फैक्ट्रियां बाधित हो रही हैं। फसलों की पैदावार घटने से देश का आर्थिक संकट और अधिक गहरा सकता है। चीन के कई हिस्से पिछले 60 साल की सबसे प्रचंड गर्मी का सामना कर रहे हैं। सरकारी मौसम एजेंसियों की मानें तो देश के मध्य और दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में कई जगहों पर अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियम से अधिक दर्ज किया गया।
कई शहरों में 40 पार होगा तापमान
मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा है कि इन शहरों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार करने की उम्मीद है. 393 चीनी शहरों और कस्बों में तापमान 35 डिग्री सेल्सियस (Degrees Celsius) तक पहुंच सकता है.
छह दिनों तक काम बंद करने का आदेश
चीन की यांग्त्ज़ी नदी न सिर्फ प्रमुख जल स्रोत है बल्कि हाइड्रोपावर, ट्रांसपोर्ट और फसलों के लिए भी जीवनदायिनी है। गर्मी बढ़ने से चीन में एयर कंडीशनिंग की डिमांड में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है जिसके चलते पावर ग्रिड पर अतिरिक्त लोड पड़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को, दक्षिण-पश्चिमी चीनी प्रांत सिचुआन, जो बड़े पैमाने पर हाइड्रोपावर पर निर्भर है, ने 19 शहरों में कई कारखानों को छह दिनों तक काम बंद करने या उत्पादन कम करने का आदेश दिया ताकि घरों को बिजली की सप्लाई दी जा सके।
दिग्गज कंपनियों के भी पसीने छूटे
इस तरह की बड़ी बिजली कटौती चीन में कुछ वैश्विक निर्माताओं के लिए मुसीबत बन गई है, जिसमें Apple Inc., Toyota Motor Corp., Volkswagen AG जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल हैं। सिचुआन की आबादी 84 मिलियन है और इसकी अर्थव्यवस्था स्विट्जरलैंड के आकार के करीब है। यह 2021 में अपने बिजली उत्पादन के 80 फीसदी से अधिक के लिए हाइड्रो पावर पर निर्भर है।
और बढ़ेगा वैश्विक तापमान!
सामान्यतौर पर जुलाई के दिनों में चीन का तापमान औसतन 20 तक होगा है लेकिन इस साल यह 40 डिग्री तक पहुंच गया है. अधिकारी लगातार चेतावनी दे रहे हैं. जलवायु परिवर्तन की वजह से चीन के मौसम में अनियमितता आ रही है. वैश्विक तापमान और तेजी से बढ़ सकता है.